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Tuesday 22 January 2013

मिट्टी-पानी से इलाज


पुराने जमाने की बात है। एक राजा था। एक बार वह बहुत बीमार पड़ा। उसके वैद्य उसे ठीक नहीं कर पाये। उसके पड़ोसी राज्य का राजा उसका मित्र था। जब उसको इस राजा की बीमारी का पता चला, तो उसने अपने अनुभवी प्राकृतिक चिकित्सक को इलाज करने के लिए भेज दिया।

उन वैद्य ने आकर राजा की चिकित्सा की। उसने किसी दवा के बजाय मिट्टी-पानी से राजा की चिकित्सा की। राजा बहुत कमजोर था और एक प्रकार से बेहोशी की अवस्था में था। इलाज के आठवें दिन वह चिकित्सक उस राज्य के मंत्री से मिलने गया। उसने मंत्री जी से कहा - ”अब से एक घंटे बाद राजा साहब को होश आ जायेगा और वे ठीक हो जायेंगे। आप मुझे राज्य का सबसे तेज दौडने वाला घोड़ा दे दीजिए। राजा साहब के होश में आने से पहले ही मैं इस राज्य से निकल जाना चाहता हूँ।“

मंत्री को यह सुनकर आश्चर्य हुआ। उसने कहा - ”आप राज्य से क्यों निकल जाना चाहते हैं? ठीक हो जाने के बाद राजा साहब आपको पुरस्कार देकर विदा करेंगे।“

”नहीं, मंत्री जी, यह बात नहीं है। यहाँ के वैद्य मुझसे खार-खाये बैठे हैं। वे होश में आते ही राजा साहब से शिकायत करेंगे कि मैंने सोने-चाँदी-हीरे-जवाहरात के बजाय केवल मिट्टी-पानी से उनका इलाज करके उनका अपमान किया है। इस पर राजा साहब कुपित होंगे और मुझे बन्दी बना लेंगे। जब यह समाचार हमारे राजा साहब को मिलेगा, तो वे इसको अपना अपमान मानेंगे और इस राज्य पर हमला कर देंगे। युद्ध में दोनों ओर से सैकड़ों-हजारों सैनिक मारे जायेंगे। मैं नहीं चाहता कि मेरे लिए उनके प्राण जायें, इसलिए मैं राजा साहब को होश आने से पहले ही इस राज्य से निकल जाना चाहता हूँ।“

मंत्री समझदार था। उसने तत्काल उनको अपने अस्तबल का सर्वश्रेष्ठ घोड़ा दे दिया और वे चिकित्सक तुरन्त रवाना हो गये।

इधर राजा ठीक हुआ, तो वहाँ के वैद्यों ने उसके कान भर दिये। अपने ‘अपमान’ से नाराज होकर राजा ने उस चिकित्सक को तत्काल बन्दी बनाने का आदेश दिया। जब सैनिक उसके ठहरने के स्थान पर पहुँचे तो पता चला कि वे तो एक घंटे पहले ही घोड़े पर सवार होकर वहाँ से निकल गये हैं। यह सुनकर राजा ने अपने घुड़सवार दौड़ाये और किसी भी तरह उस चिकित्सक को पकड़ने का आदेश दे दिया। परन्तु चिकित्सक तो उनसे काफी आगे थे और राज्य के सबसे तेज दौड़ने वाले घोड़े पर सवार थे। इससे वे पकड़े जाने से पहले ही उस राज्य को पार कर गये और सुरक्षित अपने राज्य की सीमा में पहुँच गये।

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