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Monday 21 January 2013

‘बधाई’ और ‘शुभकामनायें’

‘बधाई’ और ‘शुभकामनायें’ ये दो ऐसे शब्द हैं जिनका अधिकांश लोग उपयोग करते हैं। कई बार इनका उपयोग एक-दूसरे के पर्यायवाची अर्थात् समानार्थक के रूप किया जाता है, बिना यह जाने कि ये दोनों शब्द वास्तव में अलग-अलग हैं और इनके अर्थ अलग-अलग हैं। कई लोग दोनों शब्दों का एक साथ प्रयोग भी कर डालते हैं, बिना यह सोचने का कष्ट किये कि किसी परिस्थिति में कौन सा शब्द प्रयोग करना उचित होगा। सही शब्द प्रयोग के लिए दोनों शब्दों का अर्थ ठीक-ठीक समझ लेना आवश्यक है।

बधाई ऐसे अवसरों पर दी जानी चाहिए जब हमें अपने किसी कार्य में सफलता प्राप्त हुई हो, जैसे सन्तान प्राप्त होना, परीक्षा में सफलता, नौकरी में प्रोमोशन, कोई पुरस्कार जीतना अथवा ऐसे ही किसी कार्य में सफल होना। इसके विपरीत शुभकामनायें ऐसे अवसरों पर दी जानी चाहिए जब भविष्य में सफलता प्राप्त होने की आशा हो, जैसे परीक्षा में बैठना, इंटरव्यू के लिए जाना, लम्बी यात्रा पर जाना, कोई अच्छा कार्य प्रारम्भ करना आदि।

इसको यों भी समझा जा सकता है कि जो उपलब्धियाँ हमें प्राप्त हो चुकी हैं, उनके लिए बधाई और जो उपलब्धियाँ आगे प्राप्त हो सकती हैं उनके लिए शुभकामनाएँ दी जानी चाहिए।

कई लोग इनका मनमाना प्रयोग करते हैं जिससे हास्यास्पद परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है, जैसे होली-दिवाली पर बधाई देना। इन त्यौहारों के आने में हमारा कोई प्रयास नहीं होता, बल्कि ग्रहों की गति के कारण ही ये अवसर आते हैं। अतः यदि बधाई देनी ही हो, तो सूर्य-चन्द्र आदि को देनी चाहिए। सही व्यवहार यह है कि हम इन अवसरों पर एक-दूसरे को शुभकामनायें दें।

मुझे लगता है कि यह गड़बड़झाला पंजाब की एक परम्परा के कारण उत्पन्न हुई है। कई बार गुरु नानक देव या गुरु गोविन्द सिंह जी के जन्मदिवस पर ऐसे बैनर लगे दिखाई पड़ जाते हैं- ‘गुरु महाराज के प्रकाश पर्व पर सभी सिख संगत नूँ लख-लख बधाई होवे जी।’ ऐसे बैनर भावनाओं में सही होने पर भी अर्थ की दृष्टि से गलत हैं, इसके स्थान पर बैनर इस प्रकार लगाना चाहिए- ‘गुरु महाराज के प्रकाश पर्व पर सभी सिख संगत नूँ हार्दिक शुभकामनायें’।

बधाई और शुभकामनाओं का कुछ अवसरों पर एक साथ प्रयोग भी किया जा सकता है, जैसे हम किसी विद्यार्थी को उसकी परीक्षा में सफलता पर बधाई और आगे भी ऐसी सफलतायें मिलती रहें, इसके लिए शुभकामनायें दे सकते हैं।

कहने का तात्पर्य है कि हमें दोनों शब्दों का सही अर्थ समझकर सही अवसर पर ही उनका उपयोग करना चाहिए।

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