Pages

Sunday 22 May 2016

एसिडिटी की प्राकृतिक चिकित्सा

उपचार
* प्रातः काल 5:30 या 6 बजे उठते ही एक गिलास सादा पानी में आधा नीबू का रस और एक चम्मच शहद घोलकर पियें। फिर 5 मिनट बाद शौच जायें।
* शौच के बाद 5-10 मिनट तक ठंडा कटिस्नान लें, फिर टहलने जायें। तेज़ चाल से कम से कम डेढ़-दो किमी टहलें।
* टहलने के बाद कहीं पार्क में या घर पर नीचे दी गयी क्रियाएं करें।
- पवन मुक्तासन 1-2 मिनट
- भुजंगासन 1-2 मिनट
- रीढ़ के व्यायाम
- नेत्र, मुख और ग्रीवा व्यायाम
- उंगली, कलाई, कोहनी, कंधों के व्यायाम
- कपालभाति प्राणायाम 300 बार
- अनुलोम विलोम प्राणायाम 5 मिनट
- अग्निसार क्रिया 3 बार
- भ्रामरी 3 बार
- उद्गीत (ओंकार ध्वनि) 3 बार
- तितली व्यायाम एक मिनट
* व्यायाम के बाद खाली पेट लहसुन की तीन-चार कली छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े करके सादा पानी से निगल लें या चबायें।
* रात्रि 10-10.30 बजे सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण सादे पानी के साथ लें या एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटें।
भोजन
* नाश्ता प्रातः 8 बजे - अंकुरित अन्न या दलिया या एक पाव मौसमी फल और एक कप गाय का बिना मक्खन का दूध या छाछ।
* दोपहर भोजन 1 से 2 बजे- रोटी, सब्जी, सलाद, दही (दाल चावल कभी-कभी कम मात्रा में)
* दोपहर बाद 4 बजे - किसी मौसमी फल का एक गिलास जूस या नीबू-पानी-शहद
* रात्रि भोजन 8 से 8.30 बजे - दही छोड़कर दोपहर जैसा। भूख से थोड़ा कम खायें।
* परहेज- चाय, काफी, कोल्ड ड्रिंक, बिस्कुट, मिर्च, खटाई, मिठाई, फास्ट फूड, अंडा, मांस, मछली, शराब, सिगरेट, तम्बाकू बिल्कुल नहीं।
* सभी तरह की गर्म चीज़ों से बचें। सब्ज़ी भी ठंडी करके खायें।
* फ्रिज का पानी न पियें। मटकी या सुराही का साधारण शीतल जल पियें।
* सब्ज़ी में मसाले तथा नमक कम से कम डालें।
* दिन भर में साढ़े तीन या चार लीटर सादा पानी पियें। हर एक़ या सवा घंटे पर एक गिलास। जितनी बार पानी पीयेंगे उतनी बार पेशाब आयेगा। उसे रोकना नहीं है।
* भोजन के बाद पानी न पियें। केवल कुल्ला कर लें। उसके एक घंटे बाद एक गिलास सादा पानी पियें।
विशेष
* सभी तरह की दवायें बिल्कुल बंद रखें।
* नहाने के साबुन का प्रयोग बंद कर दें। गीली तौलिया से रगड़कर नहायें।
* यदि कभी उल्टी आये, तो कर दें और अगर केवल बेचैनी हो तो आधा कप ठंडा सादा दूध घूँट घूँट करके पियें।
* एक माह बाद अपना हाल बतायें। बीच में कोई समस्या होने पर तत्काल बतायें।
विजय कुमार सिंघल
वैशाख शु. १२, सं. २०७३ वि.

No comments:

Post a Comment