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Thursday 12 May 2016

दैनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम

यहाँ मैं ऐसा कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसका पालन हर व्यक्ति हर जगह और हर मौसम में कर सकता है और सदा स्वस्थ बना रह सकता है। यदि किसी व्यक्ति को साधारण स्वास्थ्य सम्बंधी समस्यायें हों तो वे भी इससे दूर हो जाएँगी। लेकिन यदि किसी को कोई विशेष रोग है तो कुछ परिवर्तन या परिवर्द्धन करना पड़ सकता है।
योग-व्यायाम
* प्रातः काल 6 बजे उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू का रस और एक चम्मच शहद घोलकर पियें। फिर 5 मिनट बाद शौच जायें।
* यदि पेट ठीक से साफ न हुआ हो तो शौच के बाद 3 मिनट तक पेड़ू (नाभि से नीचे का पेट का आधा भाग) पर खूब ठंडे पानी में तौलिया गीली करके पोंछा लगायें।
* मौसम सहन करने योग्य हो तो टहलने जायें। तेज़ चाल से कम से कम डेढ़-दो किमी टहलें।
* टहलने के बाद कहीं पार्क में या घर पर नीचे दी गयी क्रियाएं करें।
- पवन मुक्तासन 1-2 मिनट
- भुजंगासन 1-2 मिनट
- रीढ़ के व्यायाम
- नेत्र, मुख और ग्रीवा व्यायाम
- उंगली, कलाई, कोहनी और कंधों के व्यायाम
- भस्त्रिका प्राणायाम प्रतिदिन 5 चक्र
- कपालभाति प्राणायाम प्रतिदिन 300 बार
- अनुलोम विलोम प्राणायाम प्रतिदिन 5 मिनट
- अग्निसार क्रिया 3 बार
- भ्रामरी 3 बार
- उद्गीत (ओंकार ध्वनि) 3 बार
- तितली व्यायाम 1 मिनट
भोजन
* व्यायाम के बाद खाली पेट लहसुन की तीन-चार कली छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े करके सादा पानी से निगल लें या चबायें।
* नाश्ता प्रातः 8 बजे - अंकुरित अन्न या दलिया या एक पाव मौसमी फल और एक कप गाय का दूध या छाछ।
* दोपहर भोजन 1 से 2 बजे- रोटी, सब्जी, सलाद, दही, इच्छानुसार दाल चावल भी ले सकते हैं।
* दोपहर बाद 4 बजे - किसी मौसमी फल का एक गिलास जूस या नीबू-पानी-शहद
* रात्रि भोजन 8 से 8.30 बजे - दही छोड़कर दोपहर जैसा। भूख से थोड़ा कम खायें।
* परहेज- चाय, काफी, कोल्ड ड्रिंक, अंडा, मांस, मछली, शराब, सिगरेट, तम्बाकू बिल्कुल नहीं। बिस्कुट, मिठाई, फास्ट फूड, नमकीन कभी-कभी कम मात्रा में ले सकते हैं।
* यदि चाय पूरी तरह न छोड़ सकें, तो दिन में केवल दो बार आधा-आधा कप लें या इसकी जगह ग्रीन टी लिया करें।
* फ्रिज का पानी न पियें। नमक कम से कम लें।
* दिन में कम से कम तीन या साढ़े तीन लीटर सादा पानी पियें। हर एक़ या सवा घंटे पर एक गिलास। जितनी बार पानी पीयेंगे उतनी बार पेशाब आयेगा। उसे रोकना नहीं है।
* भोजन के बाद पानी न पियें। केवल कुल्ला कर लें। उसके एक घंटे बाद एक गिलास गुनगुना पानी पियें।
* रात्रि 10-10.30 बजे सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
विशेष
* सभी तरह की दवायें बिल्कुल बंद रखें।
* नहाने के साबुन का प्रयोग बंद कर दें। गीली तौलिया से रगड़कर नहायें।
* सिर को मुल्तानी मिट्टी से सप्ताह में दो बार धोयें। सिर में केवल शुद्ध नारियल का तेल डालें।
विजय कुमार सिंघल
वैशाख कृ. ३, सं. २०७३ वि.

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