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Sunday 20 March 2016

नींद क्यों रात भर नहीं आती!

अनेक लोगों को नींद न आने की शिकायत होती है। वे देर तक करवट बदलते रहते हैं, पर तमाम कोशिशों के बाद भी सो नहीं पाते। बहुत बाद में जब नींद आती भी है तो अधूरी रहती है और उसका पूरा लाभ नहीं मिलता। लम्बे समय तक यह स्थिति रहने पर वे अनिद्रा रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। इससे अनेक समस्यायें पैदा होती हैं।
नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे बड़ा कारण है अनावश्यक रूप से चिंतित रहना। इसका समाधान यह है कि सोने जाते समय अपनी सारी चिंताओं और समस्याओं को शयन कक्ष के बाहर ही छोड देना चाहिए और उनसे कहना चाहिए कि सुबह मुलाक़ात करेंगे। आप देखेंगे कि सुबह तक उनमें से आधी चिन्तायें और समस्यायें ग़ायब हो जायेंगी। फिर भी यदि कोई विकट समस्या हो तो उसके समाधान के लिए दिन में ही विचार या चिंतन करना चाहिये। उसके लिए रातों की नींद ख़राब करना व्यर्थ है।
अनिद्रा का दूसरा कारण पर्याप्त मेहनत न करना होता है। यदि हम दिनभर परिश्रम करेंगे तो रात्रि को अपने तय समय पर हमें नींद अवश्य आयेगी और ऐसी नींद गहरी भी होती है, जिससे प्रात:काल शरीर एकदम तरोताज़ा होता है।
बहुत से लोग नींद की गोलियाँ खाकर सोते हैं। यह बहुत खतरनाक है। नींद की गोलियों से ऐसा नशा आता है जो हमारे पूरे शरीर को शिथिल कर देता है। वह नींद नहीं है बल्कि एक प्रकार की बेहोशी होती है। इससे आगे चलकर बहुत कुपरिणाम मिलते हैं।
योग चिकित्सा में एक आसन ऐसा है जिसको यदि सोते समय कर लिया जाये तो बहुत गहरी नींद आती है। इसका नाम है 'ब्रह्मचर्यासन'। यह वज्रासन से मिलता जुलता है लेकिन इसमें पैर के पंजों को भीतर के बजाय बाहर की तरफ मोड़ा जाता है और नितम्बों को ज़मीन पर टिकाया जाता है जैसा कि साथ के चित्रों में दिखाया गया है।
इस आसन से डरावना सपने आने तथा स्वप्नदोष की शिकायत भी दूर होती है। सोने से ठीक पहले लघुशंका से निवृत्त होकर बिस्तर पर ही इसे ३ से ५ मिनट तक करना चाहिए।
 

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