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Friday 25 March 2016

नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष - 5

प्रारंभ में मैंअपने ब्लॉग पर मुख्यतः गाँधी और नेहरु के बारे में ही लेख लिखा करता था. लेकिन कभी कभी अन्य तात्कालिक विषयों पर भी लिखता था. ऐसे ही 9 फरवरी 2012 को मैंने वेलेंटाइन डे के बारे में एक लेख लिखा जिसमें इस डे को मनाने को शूपनखा संस्कृति कहा गया था.
इस लेख की बहुत चर्चा हुई और कई लोगों ने इस पर कमेंट किये. लगभग सभी कमेंट मेरे विचारों के समर्थन में ही थे.
शुरू के दो-तीन माह मैं गाँधी-नेहरु और देश के स्वाधीनता संग्राम के बारे में ही लिखता था. इन पर आने वाले कमेंटों की संख्या धीरे धीरे बढती जा रही थी. अपने लेख "आजादी कैसे आई?" में मैंने इस प्रचलित धारणा का विरोध किया था जिसमें स्वतंत्रता पाने का श्रेय गाँधी-नेहरु और कांग्रेस को दिया जाता है. मैंने बताया था कि स्वतंत्रता का श्रेय मुख्य रूप से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बनी
अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियों और 1946 में भारत में हुए नौसैनिक विद्रोह को दिया जाना चाहिए. कांग्रेस ने तो केवल सौदेबाजी की थी और देश के टुकड़े करवाकर सत्ता पर कब्ज़ा किया था.
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/…/%E0%A4%8…
मेरे इस लेख पर भी बहुत कमेंट आये, जिनमें से अधिकांश मेरे समर्थन में थे, लेकिन कुछ विरोध में भी थे. विरोध करने वाले मुख्यतः मुस्लिम पाठक होते थे, जिनमें से कई हिन्दू नाम रखकर कमेंट करते थे. एक सज्जन शीराज मेरे हर विचार के विरोध में लिखते थे वह भी रोमन लिपि में लिखी हिंदी में, जिसको पढना बहुत कठिन होता था. ऐसे ही एक सज्जन शहनाज़ खां केवल 'जग्गी' नाम से लिखा करते थे.
विजय कुमार सिंघल

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