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Monday 13 May 2013

हानिकारक परन्तु अनिवार्य : चीनी और नमक


कुछ दिन पहले मैंने चाय के बारे में लिखा था, जिस पर बहुत से सज्जन सहमत हुए तो बहुत से असहमत रहे. आज मैं ऐसी दो वस्तुओं के बारे में लिख रहा हूँ, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं, परन्तु आवश्यक भी हैं. वे हैं चीनी और नमक.

चीनी 

आजकल परिष्कृत की हुई चीनी का बहुत उपयोग किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है, हालांकि इसके बुरे प्रभावों का पता हमें दीर्घकाल में ही चल पाता है। परन्तु इसके बिना हमारा गुजारा भी नहीं है, क्योंकि कई खाद्य पदार्थों और दूध में मीठा डालना आवश्यक होता है। ऐसी स्थिति में चीनी की जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए। गुड़ के साथ जाड़ों में गुनगुना और गर्मियों में ठंडा दूध पीना बहुत आनंददायक होता है. उसमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जैसे कैल्शियम, जो मीठा पचाने में सहयोग करते हैं।

लेकिन अच्छा गुड़ भी आजकल आसानी से उपलब्ध नहीं होता। इसलिए यदि दूध में चीनी की जगह शहद डाला जाये तो सोने में सुहागा हो जाये। परन्तु शहद डालने से पहले दूध को पर्याप्य ठंडा कर लेना चाहिए. मेरी सलाह है कि चीनी का प्रयोग कम से कम करें और मिठाइयों के सेवन में भी संयम रखें। चाय छोड़ देने से चीनी की मात्रा पर अपने आप नियंत्रण हो जाता है, क्योंकि चाय के साथ हमारे शरीर में प्रतिदिन अनावश्यक चीनी पहुँचती रहती है।

नमक

यहाँ नमक से हमारा तात्पर्य साधारण या समुद्री नमक से है। लोग इसके हानिकारक प्रभावों से अनभिज्ञ होते हैं और उसे भोजन के एक अनिवार्य अंग के रूप में सेवन करते हैं। वे बहुत गलती पर हैं। नमक के प्रयोग से भोजन का स्वाद भले ही बढ़ जाता हो, परन्तु यह हमारे शरीर के लिए बिल्कुल आवश्यक नहीं है और इसको हमारा शरीर स्वीकार नहीं कर पाता। वास्तव में शरीर के लिए जितना नमक आवश्यक है, वह सब्जियों और फलों में प्राकृतिक रूप से होता है और इनका पर्याप्त सेवन करने से उसकी पूर्ति पर्याप्त मात्रा में हो जाती है। यदि आप किसी दिन बिना नमक की सब्जी खाकर देखें, तो उस सब्जी में उपलब्ध प्राकृतिक नमक और उसके विलक्षण स्वाद का अनुभव कर सकते हैं।

समुद्री नमक प्राकृतिक नमक का स्थानापन्न नहीं है। यह बिल्कुल अनावश्यक पदार्थ है, जिसको बाहर निकालने के लिए हमारे शरीर को बहुत श्रम करना पड़ता है। इसलिए नमक का सेवन कम से कम करें। यदि किसी दिन सब्जी में नमक कम पड़ा हो, तो उसे ईश्वर की कृपा मानें और भूलकर भी ऊपर से नमक न डालें। नमक को शरीर से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना अनिवार्य है। साधारण समुद्री नमक की तुलना में सैंधा नमक शरीर के लिए कम हानिकारक होता है। आवश्यक होने पर इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसी कारण धार्मिक व्रतों में समुद्री नमक का पूर्णतः निषेध होता है और सेंधा नमक प्रयोग करने की अनुमति होती है।

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